अधूरी मोहबत ? हालांकि, उन्होंने अलग-अलग राहें चुनी थीं, लेकिन उनका प्यार हमेशा उन्हें एक-दूसरे के करीब लाता रहा। यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता, चाहे हालात कैसे भी हों। अल्का और विवेक की अधूरी मोहब्बत, समय के साथ फिर से पूरी हो गई। https://www.storytoeducation.online/
अधूरी मोहब्बत
अल्का और विवेक की मुलाकात कॉलेज के पहले साल में हुई थी। अल्का एक खुशमिजाज और हंसमुख लड़की थी, जबकि विवेक शांत और गंभीर स्वभाव का था। दोनों की दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। कॉलेज के दिनों में उन्होंने साथ में अनगिनत यादें बनाई थीं, जो उनकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत हिस्सा बन गईं।
अल्का और विवेक का प्यार इतना गहरा था कि उन्होंने एक-दूसरे से वादा किया कि वे हमेशा साथ रहेंगे, चाहे कुछ भी हो जाए। लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। कॉलेज खत्म होने के बाद, विवेक को एक बड़े शहर में नौकरी मिल गई। दोनों के बीच दूरियां बढ़ने लगीं, लेकिन उनका प्यार और भी गहरा हो गया।
अल्का ने अपने शहर में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की और वहीं नौकरी करने लगी। विवेक ने भी अपनी नौकरी में मेहनत करना शुरू कर दिया। वे दोनों एक-दूसरे से मिलने के लिए तरसते रहते, लेकिन अपने-अपने कामों में व्यस्त रहते हुए मिल नहीं पाते थे।
एक दिन विवेक को खबर मिली कि उसकी मां की तबियत बहुत खराब है। वह तुरंत अपने शहर लौट आया। अल्का ने उसका साथ दिया और उसकी मां की देखभाल में मदद की। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। विवेक की मां का निधन हो गया। इस दुखद घटना ने विवेक को तोड़ कर रख दिया।
विवेक ने फैसला किया कि वह अपने पिता का ख्याल रखने के लिए अपने शहर में ही रहेगा। उसने अल्का से कहा, "मुझे माफ कर दो अल्का, मैं तुम्हारे साथ शहर नहीं आ सकता। मुझे अपने परिवार की जिम्मेदारी निभानी है।" अल्का ने उसके फैसले को समझा और उसका समर्थन किया, भले ही उसका दिल टूट गया था।
विवेक और अल्का ने एक-दूसरे से वादा किया कि वे हमेशा एक-दूसरे के संपर्क में रहेंगे और एक दिन फिर से मिलेंगे। लेकिन समय बीतता गया और दोनों की जिंदगी में बदलाव आने लगे। वे दोनों अपने-अपने काम में व्यस्त हो गए और धीरे-धीरे एक-दूसरे से दूर होते गए।
विवेक ने अपने परिवार की जिम्मेदारी निभाते हुए खुद को पूरी तरह से काम में डुबो दिया। अल्का ने भी अपनी नौकरी में तरक्की की और एक सफल व्यवसायी बन गई। वे दोनों एक-दूसरे को भुलाने की कोशिश करते रहे, लेकिन दिल में एक-दूसरे के लिए प्यार हमेशा बना रहा।
एक दिन, कई सालों बाद, अल्का को विवेक से एक चिट्ठी मिली। विवेक ने लिखा था, "अल्का, मैं जानता हूं कि हमने बहुत समय से एक-दूसरे से बात नहीं की है, लेकिन मेरा दिल आज भी तुम्हारे लिए धड़कता है। मैं तुम्हें भुला नहीं सका। अगर तुम्हें भी ऐसा ही महसूस होता है, तो मुझे जवाब देना।"
अल्का के दिल में पुरानी यादें ताजा हो गईं। उसने तुरंत जवाब लिखा, "विवेक, मैंने भी तुम्हें कभी नहीं भुलाया। चलो फिर से अपने प्यार को एक मौका देते हैं।"
विवेक और अल्का ने फिर से मिलने का फैसला किया। उन्होंने अपने-अपने काम से छुट्टी ली और अपने कॉलेज के शहर में मिलने का तय किया। वे दोनों उसी जगह पर मिले जहां उनकी पहली मुलाकात हुई थी। दोनों की आंखों में आंसू थे, लेकिन यह आंसू खुशी के थे।
उन्होंने अपने बिछड़े हुए सालों की कहानियाँ सुनाई और महसूस किया कि उनका प्यार अब भी उतना ही मजबूत है जितना पहले था।
हालांकि, उन्होंने अलग-अलग राहें चुनी थीं, लेकिन उनका प्यार हमेशा उन्हें एक-दूसरे के करीब लाता रहा। यह कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा प्यार कभी खत्म नहीं होता, चाहे हालात कैसे भी हों। अल्का और विवेक की अधूरी मोहब्बत, समय के साथ फिर से पूरी हो गई।
Post a Comment