एकतरफा मोहब्बत अविषेक: 16 वर्ष का एक संजीदा और शर्मीला लड़का, जो पढ़ाई में बहुत अच्छा है। - आरती: 15 वर्ष की एक चुलबुली और हंसमुख लड़की, जो अपने दोस्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है। https://www.storytoeducation.online/
एकतरफा मोहब्बत
--किरदार:--
-अविषेक: 16 वर्ष का एक संजीदा और शर्मीला लड़का, जो पढ़ाई में बहुत अच्छा है।
- आरती: 15 वर्ष की एक चुलबुली और हंसमुख लड़की, जो अपने दोस्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
कहानी:
अविषेक एक छोटे से शहर में रहता है, जहां उसके पिता एक अध्यापक हैं। उसकी मां गृहिणी है। अविषेक अपने माता-पिता का इकलौता बेटा है और अपने परिवार के प्रति बहुत समर्पित है। वह पढ़ाई में अव्वल है और अपनी कक्षा में सबसे होशियार लड़कों में गिना जाता है।
आरती उसी स्कूल में पढ़ती है जहां अविषेक पढ़ता है। वह नई-नई 10वीं कक्षा में आई है। आरती का स्वभाव बहुत मिलनसार है और वह जल्दी ही अपने हंसमुख अंदाज से सभी का दिल जीत लेती है। अविषेक ने पहली बार उसे स्कूल के मैदान में देखा, जब वह अपने दोस्तों के साथ हंसते-खेलते समय में मस्त थी।
अविषेक को आरती पहली ही नजर में भा गई। उसका मासूम चेहरा और खिलखिलाती हंसी, अविषेक के दिल में उतर गई। वह दिन-रात आरती के बारे में सोचने लगा। लेकिन अविषेक को अपनी शर्मीली और संजीदा स्वभाव के कारण आरती से बात करने की हिम्मत नहीं हो पाई।
हर दिन अविषेक स्कूल आता और आरती को दूर से देखता रहता। जब वह अपनी सहेलियों के साथ हंसती, तो अविषेक के दिल में एक अनजाना दर्द उठता। उसे लगता कि काश वह भी आरती के साथ हंस सकता, बातें कर सकता। लेकिन उसे अपनी एकतरफा मोहब्बत का अहसास था।
एक दिन, स्कूल में एक पिकनिक का आयोजन हुआ। सभी बच्चे बहुत उत्साहित थे। अविषेक ने सोचा कि यह उसके लिए आरती के करीब जाने का मौका हो सकता है। पिकनिक के दिन, सभी बच्चे एक बस में बैठकर पास के एक सुंदर पार्क में गए। वहां सबने खूब मस्ती की, खेल-कूद की।
आरती अपने दोस्तों के साथ रसीले फलों का मजा ले रही थी, तभी उसकी नजर अविषेक पर पड़ी। वह अकेला एक पेड़ के नीचे बैठा हुआ था। आरती ने उसे अपने पास बुलाया, "अविषेक, तुम यहां अकेले क्यों बैठे हो? हमारे साथ आओ ना।"
अविषेक का दिल तेज-तेज धड़कने लगा। उसने हिम्मत जुटाई और आरती के पास गया। आरती ने उसे अपने दोस्तों से मिलवाया और सबने मिलकर बहुत मस्ती की। उस दिन अविषेक ने पहली बार महसूस किया कि आरती कितनी प्यारी और समझदार है।
वह दिन अविषेक के लिए यादगार बन गया। अब वह और आरती अच्छे दोस्त बन गए थे। लेकिन अविषेक के दिल में उसकी एकतरफा मोहब्बत की आग जल रही थी। उसे पता था कि आरती उसे सिर्फ एक दोस्त मानती है।
समय बीतता गया और एक दिन आरती ने अविषेक को बताया कि उसके पिता का तबादला हो गया है और वह दूसरे शहर जा रही है। अविषेक का दिल टूट गया। उसने अपने दर्द को छुपाकर आरती को शुभकामनाएं दी और उसे अलविदा कहा।
आरती के जाने के बाद, अविषेक ने अपनी एकतरफा मोहब्बत को अपने दिल में छुपा लिया। उसने महसूस किया कि सच्ची मोहब्बत में सिर्फ पाने की खुशी नहीं होती, बल्कि देने का दर्द भी होता है।
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इस तरह, अविषेक की एकतरफा मोहब्बत ने उसे सिखाया कि प्यार सिर्फ पास होने का नाम नहीं, बल्कि दूर होकर भी खुश रहने का नाम है।
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