प्यार की आखिरी चिट्ठी अहमद और ज़ैनब का रिश्ता कॉलेज के समय से था। वे दोनों अपने क्लास के सबसे बेहतरीन छात्र थे और हर प्रोजेक्ट में साथ काम करते थे। वक्त के साथ, उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। अहमद ज़ैनब की मुस्कान में अपने दिन की रोशनी देखता था, और ज़ैनब अहमद के बिना अपनी दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकती थी https://www.storytoeducation.online/?m=1
प्यार की आखिरी चिट्ठी
कॉलेज का दौर
अहमद और ज़ैनब का रिश्ता कॉलेज के समय से था। वे दोनों अपने क्लास के सबसे बेहतरीन छात्र थे और हर प्रोजेक्ट में साथ काम करते थे। वक्त के साथ, उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। अहमद ज़ैनब की मुस्कान में अपने दिन की रोशनी देखता था, और ज़ैनब अहमद के बिना अपनी दुनिया की कल्पना भी नहीं कर सकती थी।
प्यार की शुरुआत
एक दिन अहमद ने ज़ैनब को कॉलेज के बगीचे में बुलाया। वह घबराया हुआ था, लेकिन उसने दिल की बात कहने का फैसला कर लिया था। "ज़ैनब, मैं तुमसे प्यार करता हूँ," अहमद ने कहा, और ज़ैनब की आंखों में आंसू आ गए। "मैं भी तुमसे प्यार करती हूँ, अहमद," ज़ैनब ने जवाब दिया और दोनों ने एक-दूसरे को गले लगा लिया।
ज़िंदगी की राह में मुश्किलें
वक्त बीतता गया और दोनों का प्यार गहरा होता गया। लेकिन ज़िंदगी हमेशा वो नहीं देती जो हम चाहते हैं। अहमद को अपने माता-पिता की इच्छा के अनुसार उच्च शिक्षा के लिए बाहर जाना पड़ा। ज़ैनब के माता-पिता ने उसकी शादी का फैसला कर लिया, और ज़ैनब मजबूर थी कि वह अपने माता-पिता के फैसले को माने।
बिछड़ने का समय
अहमद ने ज़ैनब को आखिरी बार मिलने के लिए कहा। दोनों ने शहर के उसी बगीचे में मुलाकात की जहां उनकी प्यार की शुरुआत हुई थी। ज़ैनब ने अहमद को देखा और आंसू बहाने लगी। "हम हमेशा साथ नहीं रह सकते, अहमद," ज़ैनब ने कहा। "लेकिन मैं तुम्हें कभी नहीं भूलूंगी।"
अहमद ने ज़ैनब को आखिरी बार गले लगाया और एक चिट्ठी उसके हाथ में थमा दी। "यह मेरी आखिरी चिट्ठी है, ज़ैनब। जब भी तुम्हें मेरी याद आए, इसे पढ़ लेना," अहमद ने कहा और चला गया।
आखिरी चिट्ठी
ज़ैनब ने शादी के बाद अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश की, लेकिन अहमद की यादें हमेशा उसके दिल में ज़िंदा रहीं। एक दिन, उसने अहमद की चिट्ठी निकाली और पढ़ने लगी:
"प्रिय ज़ैनब,
हालाँकि हम साथ नहीं हैं, मगर मेरी मोहब्बत हमेशा तुम्हारे साथ है। तुम्हारी मुस्कान, तुम्हारी बातें, सब कुछ मेरी यादों में महफूज़ हैं। मैं चाहता था कि हम साथ ज़िंदगी बिताएं, लेकिन शायद यह हमारी किस्मत में नहीं था। तुम हमेशा मेरी पहली और आखिरी मोहब्बत रहोगी।
प्यार से,
अहमद"
दर्द भरी यादें
ज़ैनब की आँखों से आंसू बहने लगे। वह जानती थी कि अहमद की मोहब्बत हमेशा उसके दिल में ज़िंदा रहेगी, और वह कभी इस मोहब्बत को भूल नहीं पाएगी। यह मोहब्बत थी जो कभी खत्म नहीं हुई, और न कभी हो सकेगी।
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